परिचय: क्या है गुरु पूर्णिमा?
इस वर्ष गुरु पूर्णिमा, 10 जुलाई,2025 का विशेष दिन है
गुरु पूर्णिमा एक पवित्र हिन्दू पर्व है, जो आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। यह दिन महर्षि वेदव्यास की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है जिन्होंने वेदों का संकलन किया और महाभारत की रचना की।
सनातन धर्म में गुरु को भगवान से भी ऊपर स्थान दिया गया है।
जैसा कि श्लोक कहता है:
“गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु, गुरु देवोमहेश्वरः। गुरु साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥”
गुरु वही हैं जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं – जो आत्मज्ञान और मोक्ष की राह दिखाते हैं।
सनातन धर्म में गुरु पूर्णिमा का महत्व
इस दिन को आध्यात्मिक रूप से अत्यंत शक्तिशाली माना गया है। यह दिन:
- गुरु के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर है
- आत्मिक प्रगति का समय है
- कर्मों की शुद्धि और आशीर्वाद पाने का श्रेष्ठ अवसर है
- विद्यार्थियों, साधकों, और भक्तों के लिए अत्यंत फलदायक दिन है
भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को भगवद्गीता के माध्यम से ज्ञान दिया – वे उसके गुरु बने। भगवान राम के गुरु थे महर्षि वशिष्ठ। स्वयं शिव ने सप्तऋषियों को ज्ञान दिया।
यदि आपके पास कोई जीवित गुरु नहीं है?
आज के समय में बहुत से लोग किसी गुरु के सानिध्य में नहीं होते। ऐसे में हनुमान जी को ‘सद्गुरु’ रूप में पूजना सर्वोत्तम उपाय है।
हनुमान जी:
- भगवान राम के श्रेष्ठ भक्त और शिष्य हैं
- पूर्ण ब्रह्मचारी हैं
- योग, भक्ति और ज्ञान तीनों में सिद्ध हैं
- जीवित (चिरंजीवी) देवता हैं, जो आज भी साधकों को मार्ग दिखाते हैं
जो व्यक्ति किसी गुरु को नहीं मानते, वे गुरु पूर्णिमा के दिन हनुमान जी को गुरु मानकर पूजन करें।
गुरु पूर्णिमा पर क्या करें?
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करें
अपने गुरु या हनुमान जी को पुष्प, सिंदूर, चोला, और प्रसाद अर्पण करें
हनुमान चालीसा या गुरु मंत्र का जाप करें
ज़रूरतमंदों को दान करें – विशेष रूप से पीली वस्तुएं, पुस्तकें या भोजन
शास्त्रों का पठन या सत्संग सुनें
गौ सेवा करें या पक्षियों को दाना डालें
राशि अनुसार उपाय: जिससे मिले गुरु का आशीर्वाद
मेष (Aries):
लाल वस्त्र व गुड़ हनुमान जी को चढ़ाएं
मंत्र: “ॐ श्री गुरवे नमः” (108 बार)
लाभ: गुस्से पर नियंत्रण, आत्मबल की वृद्धि
वृषभ (Taurus):
दही-चावल का दान करें, सफेद कपड़े दान करें
मंत्र: “ॐ बृहस्पतये नमः”
लाभ: करियर में स्थिरता व रिश्तों में सामंजस्य
मिथुन (Gemini):
पीपल के नीचे घी का दीपक जलाएं
गुरु स्तोत्र पढ़ें
लाभ: निर्णय शक्ति व संवाद कुशलता में सुधार
कर्क (Cancer):
शिवलिंग पर दूध व शक्कर अर्पण करें
मंत्र: “ॐ गुरुभ्यो नमः”
लाभ: भावनात्मक स्थिरता व मानसिक शांति
सिंह (Leo):
सिंदूर व लड्डू हनुमान जी को चढ़ाएं
मंत्र: “ॐ रामदूताय नमः”
लाभ: अभिमान दूर हो, ज्ञान का द्वार खुले
कन्या (Virgo):
गरीब बच्चों को पुस्तक या पेन दान करें
मंत्र: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”
लाभ: मन की एकाग्रता व आत्म-संशय से मुक्ति
तुला (Libra):
सफेद पुष्प व अगरबत्ती से पूजन करें
मंत्र: “ॐ ह्रीं क्लीं गुरवे नमः”
लाभ: संतुलन व शांति की प्राप्ति
वृश्चिक (Scorpio):
मसूर दाल व तांबे के बर्तन दान करें
मंत्र: “ॐ नमः शिवाय”
लाभ: भयमुक्ति व साहस में वृद्धि
धनु (Sagittarius):
बृहस्पति बीज मंत्र का जाप करें
पीले लड्डू का दान करें
लाभ: अध्यात्मिक उन्नति व ज्ञानवर्धन
मकर (Capricorn):
चींटियों को शक्कर और आटा खिलाएं
मंत्र: “ॐ गुरुदेवाय नमः”
लाभ: विनम्रता व वाणी में मधुरता
कुंभ (Aquarius):
सरसों का तेल व काले वस्त्र दान करें
मंत्र: “ॐ श्री सद्गुरवे नमः”
लाभ: दूरदर्शिता व सही निर्णय शक्ति
मीन (Pisces):
पीले फल हनुमान मंदिर में अर्पण करें
मंत्र: “ॐ श्री रामाय नमः”
लाभ: भक्ति, श्रद्धा व अंतर्ज्ञान की वृद्धि
निष्कर्ष: गुरु ही जीवन का प्रकाश हैं
गुरु पूर्णिमा सिर्फ पूजा-पाठ का पर्व नहीं है, यह एक आध्यात्मिक चेतना का दिन है। चाहे आपके पास गुरु हो या न हो, हनुमान जी को गुरु मान कर साधना प्रारंभ करें। एक दिन सही मार्गदर्शक आपके जीवन में अवश्य आएंगे।
स्वामी विवेकानंद ने कहा था:
“यदि जीवित गुरु न मिलें, तो ईश्वर के वचनों व शास्त्रों को ही गुरु मानकर चलो।”
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
प्र. यदि मेरे पास गुरु नहीं है तो क्या करूँ?
उ. आप हनुमान जी को गुरु मान सकते हैं। वे चिरंजीवी और सिद्ध गुरु हैं।
प्र. क्या गुरु पूर्णिमा पर व्रत रखा जा सकता है?
उ. हाँ, आप आंशिक उपवास रख सकते हैं और दिनभर भक्ति में समय दे सकते हैं।
प्र. गुरु पूर्णिमा का संबंध किस ग्रह से है?
उ. यह बृहस्पति (गुरु ग्रह) से जुड़ा पर्व है।
प्र. क्या यह केवल हिन्दू धर्म के लिए है?
उ. नहीं। यह जैन, बौद्ध और सभी साधकों के लिए सम्मान व आभार का दिन है।
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