क्या आप जानते हैं कि Lord Ganesha का जन्म कैसे हुआ? चलिए जानते हैं रहस्यमयी Ganesh Birth Story जो हर बाधा का हल बताती है।

पार्वती ने गणेश  की रचना की

“माता पार्वती ने स्नान से पहले अपने शरीर के उबटन और मिट्टी से एक बालक बनाया… यही से शुरू होती है Ganesh Birth Story।”

रक्षक

“पार्वती जी ने आदेश दिया – ‘जब तक मैं स्नान कर रही हूँ, किसी को अंदर मत आने देना।’ गणेश ने वचन दिया।”

शिव का आगमन

“कुछ देर बाद भगवान शिव आए। लेकिन द्वार पर खड़े इस अनजान बालक ने उन्हें रोक दिया।”

युद्ध

“गणेश ने शिव जी को भी नहीं जाने दिया। परिणामस्वरूप हुआ भीषण युद्ध… और यही है Ganesh Birth Story का सबसे दुखद मोड़।”

त्रासदी

“अंततः शिव जी ने त्रिशूल से बालक का सिर धड़ से अलग कर दिया। पूरा कैलाश शोक में डूब गया।”

पार्वती का क्रोध

“माता पार्वती का शोक क्रोध में बदल गया। उन्होंने सम्पूर्ण ब्रह्मांड को संकट में डालने की धमकी दी।”

हाथी का सिर

“शिव जी ने समाधान निकाला। उत्तर दिशा से मिला हाथी का सिर लाकर गणेश के धड़ पर स्थापित किया गया।”

नई शुरुआत

“नवजीवन पाकर गणेश बने प्रथम पूज्य देव। यही Ganesh Birth Story का सबसे बड़ा संदेश है – हर अंत, नई शुरुआत है।”

Ganesh Birth Story सिखाती है – धैर्य, आज्ञा पालन और बुद्धि से हर बाधा दूर की जा सकती है।