Rahu Ketu नक्षत्र परिवर्तन जानिए कैसे बदलने वाला है आपकी राशि का भाग्य — जब छाया ग्रह करेंगे नक्षत्र परिवर्तन! एक सकारात्मक और नकारात्मक शक्तियों का महामिलन!
Rahu Ketu ka Janm aur Parichay
राहु और केतु को वैदिक ज्योतिष में “छाया ग्रह” कहा गया है। इनका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं होता, बल्कि ये चंद्रमा और सूर्य के बीच के ग्रहण बिंदु होते हैं।
- राहु उत्तर दिशा का प्रतिनिधि है और भौतिक सुख, भ्रम, राजनीति, इच्छाएं और महत्वाकांक्षा का कारक माना जाता है।
- केतु दक्षिण दिशा से जुड़ा है और मोक्ष, त्याग, आध्यात्मिकता, पूर्व जन्म का कर्म और रहस्यों का प्रतीक है।
Rahu Ketu Ki Aaj ke Samay Mein Importance
आज के तेज़-रफ्तार, भ्रमित करने वाले युग में:
- राहु नई टेक्नोलॉजी, सोशल मीडिया, ग्लैमर, और पॉलिटिक्स जैसी चीज़ों पर असर डालता है।
- केतु स्पिरिचुअल वर्ल्ड, हीलिंग, माइंडफुलनेस और गूढ़ ज्ञान में गहरी पकड़ रखता है।
इन दोनों का हर परिवर्तन इंसान की सोच, फैसले, और जीवन के रास्ते को प्रभावित करता है।
Nakshatra Kya Hote Hain?
नक्षत्र यानी “चंद्र नक्षत्र” — वे 27 (या कभी-कभी 28 माने जाते हैं) खगोलीय समूह होते हैं जिनमें चंद्रमा हर महीने भ्रमण करता है।
हर नक्षत्र का स्वामी एक ग्रह होता है और वह उस ग्रह के गुणों को उस क्षेत्र में प्रसारित करता है।
जब कोई ग्रह किसी नक्षत्र से दूसरे में प्रवेश करता है, तो उसका प्रभाव बदल जाता है।
Nakshatra Parivartan Ki Tithi Aur Samay
20 जुलाई 2025 को नक्षत्र परिवर्तन होगा:
- राहु:
- अभी तक था — रेवती नक्षत्र (मीन राशि, स्वामी बुध)
- जाएगा — उत्तर भाद्रपद नक्षत्र (मीन राशि, स्वामी शनि)
- केतु:
- अभी तक था — हस्त नक्षत्र (कन्या राशि, स्वामी चंद्रमा)
- जाएगा — पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र (सिंह राशि, स्वामी शुक्र)
यह नक्षत्र परिवर्तन लगभग 9 महीने तक प्रभावी रहेगा, मार्च 2026 तक।
Rahu Ketu Nakshatra Parivartan ka Rashiyon par Asar
इस बार के Rahu Ketu Nakshatra Parivartan (20 जुलाई 2025) में:
- Rahu:
- Revati Nakshatra (बुध-शासित) से
- जाएगा Uttara Bhadrapada Nakshatra (शनि-शासित) में
- Ketu:
- Hasta Nakshatra (चंद्र-शासित) से
- जाएगा Purva Phalguni Nakshatra (शुक्र-शासित) में
अब हम देखेंगे कि शनि और शुक्र इन ग्रहों के द्वारा किन-किन राशियों को कैसे प्रभावित करेंगे, क्योंकि अब राहु और केतु इन दो ग्रहों के अधीन आ रहे हैं।
Rahu in Uttara Bhadrapada (Ruled by Saturn)
ग्रह स्वामी: शनि (Saturn)
राशि: मीन (Pisces)
शनि का स्वभाव:
- न्यायप्रिय, धीमा, कर्मकांडी, कर्मफलदाता, संघर्ष और स्थायित्व देने वाला ग्रह।
अब राहु इस नक्षत्र में आकर धैर्यपूर्ण भ्रम, लंबे समय तक चलने वाले कर्मिक अनुभव, और अप्रत्याशित बदलाव को जन्म देगा।

इसका असर किन राशियों पर गहराई से पड़ेगा?
राशि | प्रभाव का कारण | राहु + शनि का संयुक्त असर |
---|---|---|
मीन | राहु उसी राशि में है | मानसिक भ्रम, आत्मनिरीक्षण, आध्यात्मिक द्वंद्व |
मिथुन | शनि आपकी राशि से अष्टम भाव में | अज्ञात भय, पुराना ऋण या बीमारी, ध्यान केंद्रित करें |
वृषभ | राहु पंचम भाव में | शिक्षा या संतान को लेकर चिंता, लेकिन गहरी क्रिएटिविटी |
कुंभ | शनि स्व-राशि का स्वामी | कर्म में स्थायित्व लेकिन मन में अनिश्चितता |
सकारात्मक संकेत:
- जो व्यक्ति कर्मपथ पर हैं, संयमी हैं, उन्हें ये राहु सफलता देगा।
नकारात्मक संकेत:
- जल्दबाज़ी, धोखा, लापरवाही – इनसे नाश होगा। राहु + शनि = कर्म का कड़ा हिसाब।
Ketu in Purva Phalguni (Ruled by Venus)
ग्रह स्वामी: शुक्र (Venus)
राशि: सिंह (Leo)
शुक्र का स्वभाव:
- विलासिता, प्रेम, कला, वैवाहिक संबंध, भोग, सौंदर्य और आकर्षण का प्रतीक।
अब केतु जब शुक्र नक्षत्र में आएगा तो विरक्ति, डिसकनेक्ट, और अतीन्द्रिय सुख की खोज करवाएगा — खासकर उन्हीं क्षेत्रों में जिन पर शुक्र राज करता है।

इसका असर किन राशियों पर गहराई से पड़ेगा?
राशि | प्रभाव का कारण | केतु + शुक्र का संयुक्त असर |
---|---|---|
सिंह | केतु आपकी राशि में | पहचान का संकट, रिश्तों से हटाव, नया मोक्षपथ |
वृश्चिक | केतु चतुर्थ भाव में | घर में अनबन, मातृ पक्ष से दूराव |
कन्या | द्वादश भाव में केतु | खर्च, विदेश योग, लेकिन अकेलेपन की भावना |
वृषभ | शुक्र स्व-राशि का स्वामी | वैवाहिक जीवन में विरक्ति, लेकिन रचनात्मक उन्नति |
सकारात्मक संकेत:
- जो लोग आध्यात्मिक साधना में हैं, उनके लिए केतु आत्म-उन्नति की चाबी बनेगा।
नकारात्मक संकेत:
- संबंधों से मोह, भोगों से ऊब, खालीपन — विवाह योग्य लोगों के लिए विशेष ध्यान।
ग्रहों के स्वामी का राशि विशेष पर असर :
ग्रह | अधीन नक्षत्र | प्रभावी भाव | राशियाँ जिन पर असर |
---|---|---|---|
शनि | उत्तर भाद्रपद (राहु) | कर्म, संघर्ष | मीन, वृषभ, मिथुन, कुंभ |
शुक्र | पूर्वा फाल्गुनी (केतु) | प्रेम, लग्ज़री, संबंध | सिंह, कन्या, वृश्चिक, वृषभ |
Kis Rashi ke liye Positive aur Kis ke liye Negative?
Rashi | प्रभाव | श्रेणी |
---|---|---|
वृषभ | धन लाभ + | Positive |
कर्क | यात्रा योग | Positive |
तुला | प्रेम संबंध | Positive |
सिंह | संबंधों में दिक्कत | Negative |
कन्या | स्वास्थ्य चुनौती | Negative |
मीन | भारी ट्रांसफॉर्मेशन | मिश्रित |
Conclusion
जब राहु और केतु शनि और शुक्र के अधीन नक्षत्र में आते हैं, तो कर्म और कामना की परीक्षा शुरू हो जाती है।
- जिनकी कुंडली में शनि और शुक्र मज़बूत हैं, उनके लिए ये बदलाव तरक्की की सीढ़ी बन सकता है।
- जिनके लिए ये ग्रह पीड़ित हैं, वे संतुलन खो सकते हैं — व्यक्तिगत जीवन और करियर दोनों में।
उपाय (Remedies) Rahu Ketu Nakshatra Parivartan ke liye
- राहु के लिए:
- “ॐ भ्राम भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः” का जाप करें।
- उड़द की दाल, नीले वस्त्र और तिल का दान करें।
- केतु के लिए:
- “ॐ कें केतवे नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- कंबल, नारियल, और कुत्तों को रोटी देना शुभ रहेगा।
- ग्रहों को संतुलित करने के लिए:
- हर शनिवार को गरीबों को भोजन कराएं।
- हर पूर्णिमा को जल में चावल डालकर चंद्रमा को अर्घ्य दें।
FAQs
1. Rahu Ketu Nakshatra Parivartan 2025 कब हो रहा है?
Ans. 20 जुलाई 2025 को राहु और केतु अपने-अपने नक्षत्र बदल रहे हैं। यह परिवर्तन मार्च 2026 तक प्रभावी रहेगा।
2. Nakshatra Parivartan का मतलब क्या होता है?
Ans. जब कोई ग्रह एक नक्षत्र से निकलकर दूसरे नक्षत्र में प्रवेश करता है, तो उसे नक्षत्र परिवर्तन कहा जाता है। इससे ग्रह का प्रभाव और उसका स्वरूप बदल जाता है।
3. इस बार Rahu किस नक्षत्र में जा रहा है?
Ans. राहु रेवती (Mercury-ruled) से निकलकर उत्तर भाद्रपद (Saturn-ruled) नक्षत्र में प्रवेश कर रहा है।
4. Ketu किस नक्षत्र में प्रवेश करेगा?
Ans. केतु हस्त (Moon-ruled) से निकलकर पूर्वा फाल्गुनी (Venus-ruled) नक्षत्र में प्रवेश करेगा।
5. Rahu Ketu Nakshatra Parivartan किन राशियों के लिए शुभ है?
Ans. यह परिवर्तन वृषभ, कर्क, तुला जैसी राशियों के लिए शुभ फलदायी हो सकता है। इनके लिए धन लाभ, आध्यात्मिक उन्नति या नए अवसर बन सकते हैं।
6. कौन-कौन सी राशियाँ सावधान रहें?
Ans.सिंह, कन्या, मीन राशियों को थोड़ा सतर्क रहना होगा। इन्हें मानसिक तनाव, रिश्तों में टकराव या निर्णय लेने में भ्रम हो सकता है।
7. Rahu-Ketu के लिए क्या विशेष उपाय करने चाहिए?
Ans.
- राहु के लिए: “ॐ राम राहवे नमः” का जाप करें, काले तिल या उड़द का दान करें।
- केतु के लिए: “ॐ कें केतवे नमः” का जाप करें, नारियल और कंबल का दान करें।
8. क्या यह परिवर्तन हर किसी को प्रभावित करेगा?
Ans. हां, लेकिन असर की तीव्रता आपकी जन्म कुंडली में राहु-केतु की स्थिति पर निर्भर करती है। जिनकी कुंडली में ये ग्रह प्रबल हैं, उन्हें ज़्यादा प्रभाव होगा।
9. क्या यह बदलाव किसी खास क्षेत्र पर असर डालेगा (जैसे करियर, शादी, विदेश यात्रा)?
Ans.जी हां।
- राहु का शनि नक्षत्र में जाना करियर में बदलाव, विदेश यात्रा और कर्मों की परीक्षा को दर्शाता है।
- केतु का शुक्र नक्षत्र में आना रिश्तों, वैवाहिक जीवन और रचनात्मक क्षेत्रों पर असर डाल सकता है।
10. क्या इस दौरान रत्न पहनने चाहिए?
Ans.बिना ज्योतिषीय सलाह के राहु या केतु के रत्न (गोमेद, लहसुनिया) पहनना हानिकारक हो सकता है। पहले कुंडली की जांच अवश्य कराएं।
क्या आपकी राशि पर पड़ेगा राहु-केतु नक्षत्र परिवर्तन का गहरा असर?
क्या आप जानना चाहते हैं कि यह परिवर्तन आपकी जन्म कुंडली में क्या संकेत दे रहा है?
तो देर मत कीजिए!
अपनी व्यक्तिगत कुंडली का विश्लेषण कराएं
सही उपायों और मंत्रों से जीवन में संतुलन लाएं
टिप्पणी में अपनी राशि लिखें – और पाएं फ्री उपाय! इस लेख को शेयर करें और जानें क्या हो रहा है आपके दोस्तों की किस्मत में!
व्यक्तिगत कुंडली विश्लेषण के लिए संपर्क करें:
swatrajeev@astrowonderrbits.com
