Russia Earthquake Astrology: प्रकृति का कोप या ग्रहों का इशारा?
30 जुलाई 2025 को रूस के सुदूर पूर्वी इलाके में भयंकर भूकंप ने धरती हिला दी। उसके बाद सुनामी की चेतावनी ने पूरे प्रशांत महासागर क्षेत्र को दहशत में डाल दिया। सैकड़ों लोग दहशत में घर छोड़ चुके हैं और समुद्र किनारे बसे इलाके खाली कराए जा रहे हैं।
लेकिन क्या यह सिर्फ प्राकृतिक घटना है?
या फिर यह ग्रहों की एक खामोश लेकिन चेतावनी भरी चाल है?
Russia Earthquake Astrology के नजरिए से देखें, तो यह घटना अचानक नहीं हुई — इसकी गूंज आसमान में पहले से थी, बस हमें सुनना नहीं आया।
जल तत्व में हलचल क्यों?
ज्योतिष शास्त्र में चार तत्व माने जाते हैं:
अग्नि, पृथ्वी, वायु, जल। जब जल तत्व में ग्रहों की विसंगति होती है, तो:
- सुनामी,
- भारी वर्षा,
- समुद्री तूफान,
- और कई बार भूकंप तक हो सकते हैं।
कौन-सी राशियाँ जल तत्व की हैं?
कर्क , वृश्चिक और मीन
जब इन राशियों में वक्री ग्रह, अशुभ योग, या आकाशीय टकराव होता है, तो प्रकृति जल से क्रोधित होती है।
अभी ग्रहों की क्या स्थिति है? (30 जुलाई 2025)
राहु – मीन राशि में (जल तत्व)
Rahu यानी भटकाव और भ्रम — अब समुद्र के स्वामी जल राशि मीन में सक्रिय है।
Russia Earthquake Astrology में यह सबसे बड़ा संकेत है — कि जल स्थिर नहीं है, कुछ बड़ा फटने वाला है।
केतु – कन्या राशि में
धरती (पृथ्वी तत्व) में स्थित केतु, भूकंप की चेतावनी देता है।
केतु और मंगल का आमना-सामना (सामसप्तक योग) जल-धरती के टकराव को दर्शाता है।
चंद्रमा – मिथुन से कर्क में
चंद्रमा जल का प्रतिनिधि ग्रह है। जब ये कर्क में पहुंचता है, तो समुद्री ज्वार-भाटे बढ़ते हैं।
30 जुलाई को चंद्रमा का प्रवेश जल राशि में अत्यधिक ज्वार उत्पन्न कर रहा है।
शुक्र – सिंह में (अग्नि तत्व)
- जब जल ग्रह अग्नि तत्व में आता है, तो जल में उबाल और अशांति जन्म लेती है।
मंगल – कन्या राशि में
पृथ्वी तत्व में बैठा मंगल, कटाव, कंपन और विनाश का कारक बनता है।
भूकंप की परिस्थितियाँ मंगल और शनि ग्रह के मध्य सामसप्तक योग से बन रही हैं।
“Russia Earthquake Astrology” – क्या कहता है ग्रहों का गणित?
ग्रह | स्थिति | प्रभाव |
---|
राहु | मीन राशि | समुद्री हलचल, भ्रम, सुनामी संकेत |
चंद्र | कर्क में | समुद्री ज्वार, भावनात्मक असंतुलन |
मंगल | कन्या में | पृथ्वी कंपन, धरती फटने की ऊर्जा |
केतु | कन्या में | कंपन + राहु का विरोध, भूकंप सक्रिय |
गुरु | मेष में | अग्नि तत्व से जल तत्व का टकराव |
शुक्र | सिंह में | उबलता जल, समुद्री विकृति |
कुल मिलाकर, जल और पृथ्वी तत्व में तीव्र टकराव हुआ है और Russia Earthquake Astrology साफ कहता है — यह गोचर खामोश नहीं है, यह चेतावनी है।
क्या भविष्य में और खतरे हैं?
🔔 संभावित संवेदनशील क्षेत्र (1–15 अगस्त तक):
- जापान
- इंडोनेशिया
- अलास्का
- फिलीपींस
- न्यूज़ीलैंड
- भारत का अंडमान-निकोबार क्षेत्र
क्यों?
क्योंकि अगस्त में भी राहु, केतु और मंगल का खतरनाक कॉम्बिनेशन बना रहेगा
चंद्रमा की गति से समुद्र लगातार प्रभावित होगा
सूर्य का सिंह में प्रवेश आग और जल का घातक मेल बनाता है
जल का उफान — सिर्फ भौतिक नहीं, मानसिक भी
इस समय मनुष्य का भावनात्मक संतुलन भी बिगड़ सकता है:
- अवसाद, गुस्सा, बेचैनी, डर
- नींद की समस्या
- जल तत्व शरीर में प्रभावित — जैसे ब्लड प्रेशर, किडनी, शुगर
Russia Earthquake Astrology केवल प्राकृतिक आपदा की बात नहीं करता — यह आंतरिक कंपन की भी बात करता है।
ज्योतिषीय समाधान
सरल लेकिन प्रभावशाली उपाय:
- “ॐ वरुणाय नमः” का 108 बार जाप करें
- राहु-केतु के लिए नारियल जल में प्रवाहित करे
- शनि का उपाय करें, क्योंकि शनि जल और वायु के असंतुलन को जन्म देता है
निष्कर्ष: क्या प्रकृति चीख कर कह रही है?
रूस में आया यह भूकंप और सुनामी की चेतावनी — सिर्फ एक प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि ग्रहों की चेतावनी है कि मानवता और प्रकृति के बीच संतुलन टूट रहा है।
Russia Earthquake Astrology हमें यह समझाता है कि ब्रह्मांड की प्रत्येक गति एक संदेश होती है।
जब जल थरथराता है, तो यह संकेत है कि कुछ बदल रहा है — बाहरी दुनिया में भी, और भीतर भी।
अभी शनि वक्री है, जानिए इसके भी परिणाम -