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कल ही विपक्षी दल के मंच से प्रधानमंत्री PM Modi को लेकर अभद्र टिप्पणी की गई। राहुल गांधी पहले भी कई बार मोदी जी को निशाने पर लेते रहे हैं, और इस बार भी उनके शब्दों ने राजनीति में भूचाल ला दिया। सवाल ये उठता है कि आखिर बार-बार ऐसे हमलों के बावजूद मोदी जी क्यों हर बार और मज़बूत होकर सामने आते हैं? इसका जवाब सिर्फ़ राजनीति में नहीं, बल्कि उनकी जन्म कुंडली और ग्रहों की अद्भुत स्थिति में छिपा हुआ है।
आज हम ज्योतिषीय नज़रिए से देखेंगे कि PM Modi की कुंडली क्या कहती है, 2025–2026 में उन्हें कौन सी बड़ी चुनौतियाँ मिलेंगी और क्या उनका राजयोग अभी भी उतना ही शक्तिशाली है।
PM Modi की जन्म कुंडली का रहस्य

PM Modi का जन्म 17 सितंबर 1950 को हुआ। उनकी जन्म कुंडली वृश्चिक लग्न और वृश्चिक राशि को दर्शाती है। इस लग्न के जातक बेहद साहसी, गुप्त रणनीति बनाने वाले और अपने लक्ष्य को अंत तक पाने वाले होते हैं।
कुंडली की कुछ प्रमुख बातें:
- लग्नेश मंगल का बल बहुत मजबूत है। मंगल ने मोदी जी को जुझारूपन, निर्भीकता और निर्णायक फैसले की क्षमता दी।
- गुरु और शनि की स्थिति ने उन्हें अद्वितीय राजनीतिक बुद्धिमत्ता दी।
- राजयोग जैसे कि चंद्र-मंगल योग और गजकेसरी योग उनकी कुंडली को बेहद खास बनाते हैं।
यही कारण है कि विपक्ष के तमाम आरोप और आलोचनाएँ उनके सामने अक्सर बौनी साबित हो जाती हैं।
कैसे बना ‘राजयोग’ – सत्ता तक का सफर
2014 और 2019 के चुनाव ज्योतिष की दृष्टि से उनके जीवन में ‘राजयोग फलित’ होने का समय था।
- 2014: गुरु और शनि की अनुकूल स्थिति ने उन्हें देश का निर्विवाद नेता बना दिया।
- 2019: राहु ने बाधाएँ डालीं, लेकिन कुंडली के गजकेसरी योग ने उन्हें और भी बड़े बहुमत तक पहुंचा दिया।
यानी कि, विपक्ष चाहे जितना हमला करे, PM Modi के योग हर बार उन्हें और मजबूत बनाते रहे।
2025 के ग्रह गोचर – सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट
अब आते हैं सबसे ज़रूरी हिस्से पर – 2025–2026 का समय।
शनि – 2025 में शनि मीन राशि में गोचर करेंगे और मोदी जी की कुंडली में पंचम भाव को प्रभावित करेंगे। पंचम भाव राजनीति में बुद्धिमत्ता, निर्णय क्षमता और जनता के बीच स्वीकार्यता का भाव माना जाता है।
मतलब: इस गोचर से राजनीतिक निर्णयों में दबाव, विरोधियों से वैचारिक टकराव और जनता के मूड में अचानक बदलाव देखने को मिल सकता है। साथ ही, सत्ता बनाए रखने के लिए उन्हें और रणनीतिक होना पड़ेगा।
गुरु (बृहस्पति) – 2025 अगस्त में गुरु अपनी स्वयं की नक्षत्र पुनर्वसु में आएंगे। मोदी जी के दशम भाव (सत्ता और करियर) पर इसका सकारात्मक असर दिखेगा।
मतलब: विदेश नीति, अंतर्राष्ट्रीय छवि और बड़े आर्थिक फैसलों में सफलता।
राहु–केतु – 2025 में राहु कुंभ राशि में और केतु सिंह राशि में गोचर करेंगे।
- राहु का कुंभ में होना मोदी जी की कुंडली के चतुर्थ भाव (जनता का समर्थन, आंतरिक स्थिरता) को प्रभावित करेगा। इसका असर होगा कि जनता का मूड अचानक बदल सकता है, और विरोधियों के अप्रत्याशित कदम देखने को मिलेंगे।
- वहीं, केतु सिंह में होने से दशम भाव (सत्ता और कार्यक्षेत्र) पर असर पड़ेगा। यह संकेत देता है कि मोदी जी के सामने सत्ता के स्तर पर कड़े इम्तिहान और बड़े निर्णय होंगे।
मतलब: जनता के बीच लोकप्रियता में उतार-चढ़ाव, विपक्षी गठबंधनों के षड्यंत्र और सत्ता पर सीधा दबाव — ये सब इस गोचर का परिणाम हो सकते हैं।
2026 – सबसे बड़ी राजनीतिक परीक्षा
2026 ज्योतिषीय दृष्टि से PM Modi के लिए निर्णायक साल होगा।
- शनि की दृष्टि उनके दशम भाव पर सीधे पड़ रही होगी, जिसका मतलब है सत्ता पर दबाव और बड़ी परीक्षा।
- चुनावी वर्ष (अगर समय पर चुनाव होते हैं) में राहु और शनि की संयुक्त स्थिति उन्हें विरोधियों से कड़ा संघर्ष दिलाएगी।
- लेकिन साथ ही गुरु की कृपा उन्हें आखिरी पल पर जीत दिलाने वाली परिस्थितियाँ भी देगी।
नतीजा: मोदी जी के लिए राह आसान नहीं होगी, लेकिन उनकी कुंडली अब भी संकेत देती है कि “राजयोग” कमजोर नहीं हुआ है।
क्या अभी भी मज़बूत है PM Modi का राजयोग?
2014 और 2019 में जबरदस्त ग्रह समर्थन मिला था। अब 2025–26 में ग्रह थोड़ा कठिन इम्तिहान लेंगे।
- फायदे: विदेशों में भारत की ताकत बढ़ेगी, बड़े अंतर्राष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स पर सफलता मिलेगी।
- चुनौतियाँ: घरेलू राजनीति में असंतोष, विपक्षी पार्टियों की आक्रामकता और अंदरूनी दबाव।
कुंडली साफ़ कहती है – “राजयोग कमजोर नहीं हुआ, लेकिन अब वो इम्तिहान के दौर से गुज़रेगा।”
विपक्षी हमलों और ग्रहों का मेल
यह कोई संयोग नहीं है कि हाल ही में विपक्ष से लगातार PM Modi को निशाना बनाया जा रहा है। शनि और राहु की स्थिति दर्शाती है कि ये समय वाणी के प्रहार और विवादास्पद टिप्पणियों का है। राहुल गांधी के लगातार तीखे हमले और ताज़ा बयान इसकी ज्योतिषीय गवाही हैं।
लेकिन मोदी जी की कुंडली बताती है – विपक्ष के वार उन्हें हिला नहीं पाएंगे, बल्कि उल्टा ये हमले उन्हें और मज़बूत करेंगे।
भविष्य की तस्वीर – सत्ता या संघर्ष?
2025–26 का समय मिश्रित रहेगा:
- Golden Moments: विदेश नीति, रक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम, और भारत की छवि एक विश्वगुरु की ओर बढ़ना।
- Challenges: विपक्षी गठबंधन का मज़बूत होना, जनता का असंतोष और चुनावी दबाव।
यानी, सत्ता की कुर्सी पर बने रहना कठिन होगा लेकिन असंभव नहीं।
कुंडली साफ़ कहती है कि PM Modi के जीवन का सबसे बड़ा इम्तिहान आने वाला है। ग्रह संकेत दे रहे हैं कि 2025–26 में राजनीति में बड़ा भूचाल आ सकता है।
सवाल अब यही है:
“क्या Modi ji की कुंडली उनके अगले बड़े फैसलों को सहारा देगी या चुनौती देगी? क्या राजयोग फिर से उनके विरोधियों को परास्त करेगा?”
आपका क्या मानना है?
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