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Maa Durga ke 9 roop: परिचय
Navratri का तीसरा दिन माँ दुर्गा के तीसरे स्वरूप – Maa Chandraghanta को समर्पित होता है। इनके मस्तक पर अर्धचंद्र के आकार की घंटी सजी होती है, इसी कारण इनका नाम चंद्रघंटा पड़ा। यह रूप शक्ति, साहस और शांति का अद्भुत संगम है। Maa Chandraghanta को शांति और पराक्रम की देवी माना गया है।
शास्त्रों के अनुसार, उनकी पूजा से साधक को निर्भयता, आत्मविश्वास और जीवन में संतुलन की प्राप्ति होती है। ज्योतिषीय दृष्टि से Maa Ch: andraghanta की उपासना से मंगल ग्रह (Mars) से जुड़े दोष दूर होते हैं और साहस व ऊर्जा की वृद्धि होती है।
Maa Durga ke 9 roop: पौराणिक कथा
Maa Chandraghanta को Maa Parvati का ही तीसरा स्वरूप माना गया है। कथा के अनुसार जब माँ ने भगवान शिव से विवाह का संकल्प लिया, तब उनका यह रूप प्रकट हुआ। विवाह के समय जब शिव बारात लेकर हिमालय पहुँचे तो उनका स्वरूप अत्यंत भयावह था – जटाओं में सर्प, शरीर पर भस्म और रौद्र रूप देखकर सब भयभीत हो गए।
तब माँ ने Chandraghanta का रूप धारण कर सभी को शांत किया और अपने दिव्य स्वरूप से विवाह मंडप का वातावरण मंगलमय बना दिया। उनके इस स्वरूप से शत्रु भयभीत हुए और देवताओं व मानवों को सुरक्षा का अनुभव हुआ।
इस प्रकार Maa Chandraghanta साहस, शक्ति और संतुलन की देवी मानी जाती हैं।
Maa Durga ke 9 roop: स्वरूप और पूजन विधि
Maa Chandraghanta का स्वरूप अद्वितीय है – वे सिंह पर सवार हैं, दस भुजाओं में अलग-अलग अस्त्र-शस्त्र धारण किए हुए हैं और मस्तक पर अर्धचंद्र सुशोभित है।
उनका यह रूप साधक को संदेश देता है कि जीवन में शक्ति और शांति दोनों का संतुलन आवश्यक है।
पूजन विधि:
Navratri के तीसरे दिन प्रातः स्नान कर माँ की प्रतिमा या चित्र को गंगाजल से शुद्ध करें।
चंदन, अक्षत, लाल पुष्प, धूप-दीप और शहद का भोग चढ़ाएँ।
माँ के मंत्रों का जप करें और आरती करें।
Maa Durga ke 9 roop: महत्व और ज्योतिषीय दृष्टि
Maa Chandraghanta की उपासना से जातक के जीवन से भय और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
ज्योतिषीय मान्यता है कि जिनकी जन्मकुंडली में मंगल ग्रह अशुभ हो, या जिनका स्वभाव अत्यधिक क्रोधी हो, उनके लिए माँ की आराधना अत्यंत लाभकारी है।
साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
दांपत्य जीवन में सामंजस्य आता है।
शत्रुओं से सुरक्षा मिलती है।
करियर और जीवन में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं।
नवरात्रि के तीसरे दिन का महत्व
यह दिन साधक को यह संदेश देता है कि जीवन में चुनौतियों का सामना साहस और विवेक से करना चाहिए। Maa Chandraghanta साधक को निडर बनाती हैं और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती हैं। उनकी साधना से आंतरिक शक्ति का संचार होता है और साधक आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर होता है।
Maa Durga ke 9 roop: निष्कर्ष
Maa Chandraghanta का स्वरूप वीरता और शांति का अनूठा संगम है। वे हमें यह सिखाती हैं कि जीवन में केवल शक्ति होना ही पर्याप्त नहीं, बल्कि उसका संतुलित उपयोग भी ज़रूरी है। बिना विवेक के शक्ति विनाशक हो सकती है और बिना शक्ति के विवेक निष्क्रिय।
उनका सिंह पर सवार होना इस बात का प्रतीक है कि जीवन की हर कठिनाई का सामना निर्भीकता से करना चाहिए। अर्धचंद्र उनके मस्तक पर शांति और स्थिरता का प्रतीक है।
ज्योतिषीय दृष्टि से माँ की उपासना मंगल ग्रह के दोषों को शांत करती है, जिससे जातक के जीवन में साहस, स्वास्थ्य और आत्मविश्वास बढ़ता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जिन्हें कार्यस्थल पर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है या जो जीवन के संघर्षों से भयभीत रहते हैं।
आज के समय में जब हर कोई मानसिक तनाव और प्रतिस्पर्धा से जूझ रहा है, Maa Chandraghanta का यह स्वरूप हमें आत्मबल और साहस की याद दिलाता है। माँ का यह संदेश है कि भय से लड़ो, साहस को अपनाओ और अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानो।
इस प्रकार Navratri का तीसरा दिन साधक को शांति, साहस और आत्मविश्वास की राह दिखाता है। Maa Chandraghanta की कृपा से जीवन में संतुलन, सुरक्षा और सफलता प्राप्त होती है।
FAQs: Maa Durga ke 9 roop
Q1. Maa Chandraghanta की पूजा कब की जाती है?
Ans. Navratri के तीसरे दिन।
Q2. Maa Chandraghanta किस ग्रह से संबंधित हैं?
Ans. मंगल ग्रह (Mars) से।
Q3. Maa Chandraghanta का प्रिय भोग क्या है?
Ans. शहद।
Q4. Maa Chandraghanta की उपासना से क्या लाभ मिलता है?
Ans. भय दूर होता है, साहस मिलता है और दांपत्य जीवन में सामंजस्य आता है।
अगर आप Des Moines , Singapore ,Dublin , California, Flint hills , Mumbai या किसी भी अन्य स्थान पर रहते हैं और आपके जीवन में भय, असफलता या क्रोध हावी हो रहा है, तो Maa Chandraghanta की आराधना आपके लिए विशेष फलदायी होगी।
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